भारतीय सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात हमारे वीर जवानों की मदद के लिए तैयार किए जा रहे एंटी-ड्रोन सिस्टम को अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा. दुश्मन के किसी कोई भी ड्रोन को पलक झपकते ही मार गिराने वाली इस प्रणाली को पीएम मोदी के सुरक्षा दस्ते में शामिल किया जाएगा. इसी क्रम में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को सशस्त्र बलों के लिए बहुत आवश्यक ड्रोन प्रणाली के विकास और उत्पादन के लिए अग्रणी एजेंसी के रूप में नामित किया है.
एंटी-ड्रोन सिस्टम (ड्रोन-रोधी प्रणाली) को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में भी इस्तेमाल में लाया जाएगा. बता दें कि 'ड्रोन किलर' नाम से मशहूर एंटी-ड्रोन सिस्टम को भारत में ही विकसित किया जा रहा है. इस तकनीक पर डीआरडीओ के अलावा कई प्राइवेट कंपनियां भी काम कर रही हैं.
बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम बहुत उपयोगी साबित हो सकता है. पीएम मोदी कई बड़े फैसले लेने के कारण दुश्मन देशों, आतंकी संगठनों और कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए डीआरडीओ एंटी-ड्रोन सिस्टम पर काम कर रही है, जिसे उनके निवास स्थान और काफिले के साथ तैनात किया जाएगा.
पीएम मोदी की सुरक्षा बेड़े के लिए अनिवार्य एंटी-ड्रोन सिस्टम
J&K में चुनाव में बाधा पहुंचाने की कोशिश में आतंकी भारतीय सुरक्षाबलों के लिए तैयार किए जाने वाले एंटी-ड्रोन सिस्टम के उत्पादन के लिए डीआरडीओ ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ डील किया है. एंटी-ड्रोन सिस्टम को अब पीएम मोदी की सुरक्षा बेड़े के लिए अनिवार्य कर दिया है क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की शुरुआत से ही प्रधानमंत्री पर ड्रोन का खतरा बना हुआ है. पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए ड्रोन हमलों को नाकाम करने वाले ऐसे सिस्टम का उपयोग किया जाएगा जिसे उनकी यात्रा के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया जा सके. इस बीच पाकिस्तान की तरफ से मेड इन चाइना ड्रोन के द्वारा भारतीय सीमा में आतंकियों के लिए हथियार और मादक पदार्थों को भेजे जाने के बाद अब डीआरडीओ दो तरह के एंटी-ड्रोन बनाने में जुट गया है. इसका मकसद ड्रोन को निष्क्रिय करना है या फिर उसे मार गिराना.