रांची : 2015 में झारखंड सरकार ने खेल गांव का सारा खेल इंफ्रास्ट्रक्चर सीसीएल को एक करार के तहत सौंप दिया, जिसमें शर्त यह थी कि सीसीएल खेल एकेडमी चलाने के साथ-साथ इस पूरे खेल परिसर को मेंटेन भी रखेगी. 5 साल में सीसीएनए रिपेयरिंग मद में 10 करोड़ खर्च किए हैं. जी हां 10 करोड़, आखिर कहां गए 10 करोड़, आइए ढूंढते हैं इस रिपोर्ट में...
दूर से यह मेगा स्पोर्ट्स कंपलेक्स बहुत खूबसूरत दिखाई देता है मगर नजदीक जाने पर हर जगह टूट-फूट दरारें जंग से आप का सामना हो जाएगा. यह टूट-फूट पिछले कई सालों से यथावत है सोने पर सुहागा यह के 15 जून की तेज बारिश में बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम की पूरी दीवार ही गिर गई. खेल निदेशक ने स्पॉट विजिट के बाद बताया कि यह मेंटेनेंस की कमी के कारण हुआ है.
यह बेहद अत्याधुनिक खेल इंफ्रास्ट्रक्चर मेंटेन रहे, इसलिए झारखंड सरकार ने सारी संपत्ति एक खेल एकेडमी चलाने के नाम पर सीसीएल को सौंप दी. जेएसएलपीएस नाम की एक संस्था का गठन हुआ जिसके अध्यक्ष पदेन मुख्य सचिव हुआ करते हैं. करार के मुताबिक हर वर्ष संचालन और मेंटेनेंस के लिए खर्च होने वाली राशि का आधा हिस्सा झारखंड सरकार देती है और आधा सीएसआर फंड के तहत सीसीएल.
वर्ष 2016-17 में झारखंड सरकार ने चार करोड़ दिए. 17-18 में छह करोड़, 18-19 में 3.14 करोड़ और 19-20 में 13.97 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं. सीसीएल ने पिछले 5 सालों में 10 करोड़ रुपए मेंटेनेंस में ख़र्च भी कर दिए हैं.
दीवार गिरने के मामले में जेएसएलपीएस ने एक जांच समिति बनाई है जो जांच कर रही है कि आखिर यह दीवार कैसे गिरी. हम खेल प्रेमियों और सरकार से यह आग्रह करते हैं कि इस बात की जांच होनी चाहिए के 5 साल में 10 करोड़ रुपये मेंटेनेंस में कहां खर्च हुए हैं.