रांची : कहते हैं कि जब किसी सांप के पूंछ पर पैर रखो तो वह पलटकर वार जरूर करता है. वह डसने की कोशिश करता है. ऐसा ही हुआ है न्यूज11भारत के साथ. जी हां, आज से ठीक दो महीने पहले नयूज11भारत ने एडीजी अनुराग गुप्ता और मनोज गुप्ता के काले कारनामों की दास्तान दिखाई थी, जिसके बाद उन्होंने पलटवार किया. आज हम कुछ नहीं बोल रहे पर उनके द्वारा प्रताड़ित किये गये कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने न्यूज11भारत से पर्क साधा और उनकी कारिस्तानी का काला चिट्ठा खोल दिया.
बता दें न्यूज11भारत पर टेरर फंडिंग से संबंधित खबर दिखाये जाने के बाद आरोपियों की बेचैनी बढ़ गई है. वो बिलबिला उठे हैं और इस बिलबिलाहट में न्यूज11भारत के डायरेक्टर के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई है. और अपने वकील के माध्यम से न्यूज11भारत के डायरेक्टर अरूप चटर्जी और बेबी चटर्जी को नोटिस भेजा है. टेरर फंडिग की खबर दिखाये जाने के बाद से ही आरोपी मनोज गुप्ता बौखलाया हुआ था और लगातार न्यूज11 भारत के निदेशक को धमकियां दे रहा था और चैनल और सोशल मीडिया से खबर हटाने का दबाव बना रहा था. बावजूद इसके न्यूज11 भारत ने टेरर फंडिंग से संबंधित खबर को प्रमुखता से दिखाता रहा. जिसके बाद विश्वसनीय सूत्रों से यह जानकारी मिली कि टेरर फंडिंग के आरोपियों ने न्यूज11 भारत के निदेशक अरूप चटर्जी, खबर संकलन कर रहे रिपोर्टर और ऑॅफिस पर हमला करने की योजना बनाई है.
सूचना को गंभीरता से लेते हुये न्यूज11 भारत के निदेशक अरूप चटर्जी ने बीते 18 मार्च 2020 को ही झारखंड के डीजीपी, डायरेक्टर एनआईए, चीफ जस्टिस झारखंड, डीआईजी और एसएसपी रांची को पत्र लिखकर सारे मामले से अवगत कराया था.
पत्र के माध्यम से डीजीपी को जानकारी दी गई थी कि बीते 16 और 17 मार्च 2020 को चैनल पर टेरर फंडिंग से संबंधित दो सीरीज में खबर चलाई गई थी. आगे और सीरीज चलाने की तैयार थी. चलाये गये खबर में दिखाया गया था टेरर फंडिंग का काम किस तरह हो रहा था और इसमें कौन-कौन संलिप्त थे. एक जिम्मेवार मीडिया हाउस होने के नाते न्यूज11 भारत ने टेरर फंडिंग का सच लोगों के सामने लाने का काम किया. ताकि दोषियों के चेहरे से नकाब हट सके और उन्हें सजा मिल सके. साथ ही जांच कर रही एजेंसी को सबूतों के साथ सहयोग करने की न्यूज 11 भारत ने इच्छा जताई थी.
बता दें कि जिस दिन से न्यूज11 भारत ने टेरर फंडिंग से संबंधित खबर चलाई, उस दिन से खबर को रोकने और चैनल व सोशल प्लैटफॉर्म से हटाने के लिए लगातार धमकियां मिलने लगी. पर हम नहीं रूके और खबर दिखाते रहे और सच आगे भी दिखाते रहेंगे. विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली कि टेरर फंडिंग से संबंधित लोग न्यूज11 भारत के निदेशक अरूप चटर्जी, खबर संकलन कर रहे रिपोर्टर पर जानलेवा हमला और ऑॅफिस में तोड़फोड़ करने की योजना बना रहे हैं. साथ ही झूठे आरोपों के साथ चैनल की छवि को धुमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. पर लगातार मिल रही धमकियों के बाद जान के खतरे को देखते हुये न्यूज11 भारत ने खबर को रोक दिया था. क्योंकि ये आरोपी एडीजी अनुराग गुप्ता और उनके सागिर्द मनोज गुप्ता के काफी करीबी हैं और उन्हें इन दोनों का संरक्षण प्राप्त है. पत्र के माध्यम से डीजीपी को इस बात से भी अवगत कराया गया कि अगर न्यूज11 भारत के निदेशक उनके रिपोटर्स या ऑफिस के किसी भी कर्मचारी को कुछ होता है तो उसके जिम्मेवार टेरर फंडिंग के ये आरोपी होंगे.
न्यूज11 भारत ने ये लेटर डीजीपी सहित डायरेक्टर एनआईए, चीफ जस्टिस झारखंड, डीआईजी और एसएसपी रांची को 18 मार्च 2020 को देकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया था. मगर टेरर फंडिंग के एक आरोपी मनोज गुप्ता न्यूज11 भारत पर संबंधित खबर को हटाने और आगे इस तरह की खबर नहीं चलाने की लगातार धमकी दे रहे हैं. जब न्यूज11 भारत ने ऐसा नहीं किया तो मनोज गुप्ता ने सोशल मीडिया और एक निजी चैनल के माध्यम से न्यूज 11 भारत की छवि धुमिल करने और न्यूज11 भारत के निदेशक द्वारा खुद को ब्लैकमेल करने की एक झूठी कहानी प्रसारित और प्रकाशित करवाकर दबाव बनाने की कोशिश की. मनोज गुप्ता ने एक झूठी और मनगढ़ंत कहानी एक निजी चैनल के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की. मगर न्यूज11 भारत के पास टेरर फंडिंग मामले से संबंधित आरोपियों के काले कारनामे के पुख्ता सबूत हैं.
खुद रंगदारी मांगने वाला मनोज गुप्ता लगा रहा दूसरों पर आरोप
कहते हैं न कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. यहां यह कहावत पूरी तरह चरितार्थ हो जाती है. क्योंकि खुद रंगदारी मांगने और धमकियां देने वाला व्यक्ति दूसरों पर रंगदानी मांगने का आरोप लगा रहा है. कुछ मीडिया में आकर बिना पुख्ता सबूत के निराधार उल-जुलूल बयान जारी कर रहा है.
मनोज गुप्ता के खिलाफ हजारीबाग और धनबाद के थानों में दर्ज हैं रंगदारी के मामले
मनोज गुप्ता के खिलाफ धनबाद के कालूबथान थाना में बलियापुर के एक कोयला व्यवसायी सह भट्ठा संचालक ने एक FIR दर्ज कराया है. यह एफआईआर 40 लाख रुपये रंगदारी मांगने को लेकर दर्ज कराया गया है. शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया है कि वर्ष 2018 में मनोज गुप्ता खुद को झारखंड के एक वरीय पुलस अधिकारी का रिश्तेदार बताकर 40 लाख रुपये रंगदारी लेकर चला गया. वह हमेशा व्हाट्सएप के जरिये बातचीत किया करता था. बातचीत के क्रम में उसने निरसा के साथ-साथ धनबाद जिले के कई फैक्ट्री संचालकों से फैक्ट्री संचालन के नाम पर रकम वसूली की बात कही थी. इस कारण उसने भी राशि दे दी.
वहीं दूसरा एफआईआर हजारीबाग के चरही थाना में शंकर सिंह ने दर्ज कराया है. इस एफआईआर में भी मनोज गुप्ता के खिलाफ 20 लाख रुपये रंगदारी मांगने का आरोप है. शिकायतकर्ता ने लिखा है कि मनोज गुप्ता ने उसे व्हाट्सऐप कॉल कर 20 लाख रुपये रंगदारी मांगी. सभी कोया व्यवसाई उसे रंगदारी दिया करते हैं. जो नहीं देता उसे जान से हाख धोना पड़ता है. उसने कहा कि झारखंड सरकार में कई पदाधिकारियों का ग्रुप है. उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
न्यूज11भारत की प्रशासन से मांग
न्यूज11भारत प्रशासन से यह मांग करता है कि ऐसे खतरनाक और आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाते हुए कटोर कार्रवाई करें. ताकि राज्य के व्यवसाई गण आराम से अपना व्यवसाय चला सकें.