न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: भारत अब चांद पर चल गया है. अब हम डिजिटल दुनिया में है. लेकिन झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला का एक ऐसा गांव आज भी 200 वर्ष पीछे है. जहां के लोग आज भी नाली का पानी पीने को मजबूर है. तपती धूप और प्रचंड गर्मी के बीच गले को तर करने के लिए लोग नाली का पानी पी रहे है. यह सुनकर भले ही आपको अटपटा लगा हो लेकिन हम इसकी हकीकत जानने पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय से लगभग 37 किलोमीटर दूर लछीपुर पंचायत के वासगड गांव पहुंचे. जहां 18 से 20 परिवार सबर जाति का रहता है और इस गांव में पानी नहीं सभी सबर जाति के लोग नाली से पानी लेकर अपने प्यास बुझाते चाहे खाना पकाना हो या प्यास बुझाना हो सभी काम इसी नाली से होता है. जबकि नाली में गंदगी भरा पड़ा है. लोग इस गंदा पानी को कपड़ा से छान कर पीते हैं. जबकि इस गांव में 2017 में सरकार ने एक वॉटर टावर बनाया बोरिंग की लेकिन पानी नहीं निकला.
वैसे सबसे हैरानी की बात है कि बिल भी निकल गया और पानी भी नहीं निकला. वैसे ही वॉटर टावर खड़ा है पानी के नाम पर लाखों रुपए का निकासी हो गया. चलिए यह तो बात घोटाला का है .लेकिन इस गांव की तरफ अब तक कोई जन प्रतिनिधि नहीं पहुंचा है और ना ही जिला प्रशासन की निगाहें इस गांव तक पहुंची. जबकि विलुप्त होती सबर साथियों के लिए सरकार ढेर सारी योजना लेकर आई हैं. लेकिन वह योजना इस गांव तक नहीं पहुंचा है .अब तो इस गांव के लोग ताप्ती धूप और प्रचंड गर्मी में मैं इस नाली के सहारे जीवित है. हालाकि 365 दिन इस नाली का पानी का उपयोग गांव के लोग करते हैं. आज भी इस गर्मी में यही नाली लोगों का जिंदगी बचा रहा है . वैसे न्यूज़ 11 भारत की यह रिपोर्ट सरकार और जिला प्रशासन के आंख खोलने के लिए काफी है.