नई दिल्ली : कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में जारी लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ा दिया गया है. लॉकडाउन 5.0 की गाइडलाइंस सरकार ने जारी कर दी है.
मालूम हो कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश फिलहाल लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन 4.0 की अवधि 31 मई को खत्म हो रही है. ऐसे में सरकार ने इसे और बढ़ा दिया है. लॉकडाउन 5.0 1 जून से 30 जून तक रहेगा. स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला केंद्र ने राज्यों पर छोड़ दिया है. जुलाई में राज्य इसपर फैसला लेंगे. होटल, धार्मिक स्थल, रेस्टोरेंट 8 जून से खोल दिए जाएंगे. हालांकि सरकार ने शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दी है.
देशभर में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा. लोग एक राज्य से दूसरे राज्य जा सकेंगे. लोगों को अब पास दिखाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.
क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद
- नए निर्देश 1 जून, 2020 से लागू होंगे और 30 जून, 2020 तक प्रभावी रहेंगे.
- 24 मार्च, 2020 के बाद पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लागू किया गया था. केवल जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी गई थी. अन्य सभी गतिविधियों पर पाबंदी थी.
- पहले प्रतिबंधित की गई सभी गतिविधियां अब चरणबद्ध तरीके से कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों में खोली जाएंगी.
- पहले चरण में, धार्मिक स्थल, होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल 8 जून, 2020 से खोलने की अनुमति दी गई. स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए एक SOP जारी करेगा.
- दूसरे चरण में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की इजाजत के बाद स्कूल, कॉलेज खोले जाएंगे.
- पूरे देश में सीमित संख्या में गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी. ये गतिविधियां हैं: अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, मेट्रो रेल का संचालन, सिनेमा हॉल, जिम, स्विमिंग पूल, थिएटर, बार और ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल. सरकार तीसरे फेज में इसपर फैसला ले सकती है.
- कंटेनमेंट जोन में सिर्फ जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी.
- सख्त लॉकडाउन अब सिर्फ कंटेनमेंट जोन तक सीमित होगा
कंटेनमेंट जोन में जारी रहेगी सख्ती
कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन 30 जून, 2020 तक लागू रहेगा. जिला अधिकारी कंटेनमेंट जोन को तय करेंगे और वहां सिर्फ बेहद जरूरी गतिविधियों की इजाजत दी जाएगी. मेडिकल इमरजेंसी सर्विसेस और जरूरी सामान और सेवाओं की सप्लाई को छोड़कर कंटेनमेंट जोन में लोगों की आवाजाही पर सख्ती से रोक रहेगी. कंटेनमेंट जोन में गहराई से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग होगी. घर-घर जाकर निगरानी की जाएगी और अन्य जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन की पहचान भी कर पाएंगी. ये ऐसे इलाके होंगे, जहां नए मामले आने का खतरा ज्यादा है. बफर जोन के अंदर भी प्रतिबंधों को जारी रखा जा सकता है. अपने क्षेत्रों में हालात का जायजा लेने के बाद राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर कुछ गतिविधियों को बैन कर सकती हैं या जरूरी लगने पर प्रतिबंधों को लागू कर सकती है.