आशीष शास्त्री/न्यूज11 भारत
सिमडेगा/डेस्कः सिमडेगा जिला 30 अप्रैल 2024 को 23 वर्ष का हो गया है. 30 अप्रैल 2001 को सिमडेगा गुमला जिला से अलग होकर एक जिला के रूप में अस्तित्व में आया था. गत 22 वर्षां में जिला ने लगातार उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं तो दूसरी ओर कठिन चुनौतियों का भी पूरी मजबूती से सामना किया है. अशिक्षा, गरीबी, नक्सल आदि की समस्याएं काफी हद तक कम हुई तो दूसरी ओर सड़क, भवन, बिजली की दिशा में बेहतर कार्य किए गए.
राज्य के दक्षिण-पश्चिम दिशा में अवस्थित सिमडेगा जिला खनिज- संपदा के मामले में अपेक्षाकृत कम समृद्ध रहा हो, परंतु यहां की अनुकूल आबोहवा, वनों से आच्छादित विरल आबादी वाले गांव, प्राकृतिक सौंदर्य, खेल-खिलाड़ी,ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व वाले पर्यटन स्थल सिमडेगा को विशिष्ट बनाते हैं.
वर्ष 1915 में गुमला जिले में सिमडेगा की पहचान एक अनुमंडल के रूप में थी. तब यहां का विकास एक सीमित रूप में चल रहा था. लेकिन वर्ष 2001 के 30 अप्रैल को जब सिमडेगा राज्य के 22 वें जिला के रूप में अस्तित्व में आया, तब इसके प्रगति के राह विस्तृत होने लगी. एक जिला के रूप में सिमडेगा दिनों दिन प्रगति करना शुरू किया. शहर से दूर समाहरणालय का निर्माण तत्कालीन उपायुक्त सुरेन्द्र सिंह मीणा के निर्देशन में हुआ.
झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबुलाल मंराडी ने खुद यहां के समाहरणालय की नींव रखी और एक उजाड और वीरान जगह खुबसुरत हो गया. जिला बनने के बाद सिमडेगा में सुविधाएं भी बढने लगी. लंबे समय से बिजली की समस्या से जुझते सिमडेगा में बीरू ग्रीड की स्थापना जिला के लिए वरदान साबित हुआ. जिला बनने के बाद यहां के किसानों के लिए सिंचाई सुविधा बढने लगी. कांसजोर, और रामरेखा जलाशय परियोजना क्षेत्र के किसानों के लिए कारगर साबित होने लगी और जिला हरित क्रांति की तरफ अग्रसर हो गया.
जनगणना 2011 के अनुसार, जिले में दो विधानसभा क्षेत्रों में 451 गांव और 1 शहर वितरित किया गया है. जनगणना 2011 आंकड़ा संकेत दिया है कि कुल आबादी में अनुसूचित जाति आबादी का प्रतिशत हिस्सा 7.45 प्रतिशत था जबकि अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत 70.78 प्रतिशत था. कुल ग्रामीण घरों की संख्या के आधार पर अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 70.78 प्रतिशत थी. सिमडेगा जिले का कुल क्षेत्रफल 3761.20 वर्ग किमी है. इस क्षेत्र की प्रमुख नदियों में शंख, देव, गिरवा और पालमारा हैं. इनमें से कुछ नदियों शंख जिले की मुख्य नदी हैं. सिमडेगा जिले में 32% वन क्षेत्र है. महत्वपूर्ण जंगल उत्पादों में साल बीज, कोकून, लाह , केंदु पत्ते, करंज, चिराओं आदि प्रमुख पेड़ हैं साल, बीजा, गम्हार, कटहल, जामुन, आम, बांस, नीम आदि शामिल हैं.
सिमडेगा जिले को “खेल की नर्सरी” कहा जाता है. जिला ने हॉकी में एक मील का पत्थर स्थापित किया है. सिमडेगा जिसकी धरती हॉकी खिलाडियों को जन्म देती है. यहां शुरू से हॉकी लोगों का जुनून रहा. हॉकी के क्षेत्र में सुविधाएं बढने लगी एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम यहां खिलाडियों को मिला तो धीरे धीरे सिमडेगा हॉकी की नर्सरी के रूप में अपनी पहचान बनाने लगी. जिला बनने के बाद यहां खेल के प्रति समर्पित इग्नेश तिर्की, कैलाश राम, ओम प्रकाश अग्रवाल और श्याम सुंदर मिश्र जैसे जुझारू लोगों ने हॉकी संघ की शुरूआत की. इनका बोया बीज आज एक बडा वटवृक्ष बन गया. वर्ष 2021 में तत्कालीन उपायुक्त सुशांत गौरव के प्रयास से सिमडेगा में नेशनल स्तर के दो हॉकी चैंपियनशिप आयोजित हुए. इन चैंपियनशिप का आयोजन इतना सफल रहा कि सिमडेगा की पहचान एक बेहतर खेल आयोजक के रूप में पुरे विश्व पटल पर बन गई.
सिमडेगा के पूर्व उपायुक्त सुशांत गौरव के कार्यकाल में सिमडेगा के विकास को एक नया आयाम मिला और सिमडेगा अकांक्षी जिला के रूप में पूरे देश में तीसरे नंबर पर आई. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात करते हुए उपायुक्त सुशांत गौरव के कार्यों को सराहा और हौसला अफजाई की. जिला के विकास के प्रति जुझारू रहे उपायुक्त सुशांत गौरव ने सिमडेगा में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के सपने को भी सकारात्मक किया साथ हीं यहां के खेल की प्रगति को देख मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक इंटरनेशनल एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम की सौगात भी सिमडेगा को दी है. जो अभी निर्माण की प्रक्रिया में है. हॉकी के साथ सिमडेगा फुटबॉल में भी भी आगे बढने लगा है. साथ हीं यहां अन्य खेलों को भी बढावा देते हुए सिमडेगा को खेल की नगरी बनाने की दिशा में सभी प्रयासरत हैं. देश को सलीमा, सिलबानुस और माईकल किंडो जैसे ओलंपिक खिलाड़ी देने वाला सिमडेगा आने वाले समय में ना सिर्फ खेल की नगरी बल्कि ओलंपिक खिलाडियों के नगरी के रूप में अपनी पहचान बना ले यही कामना हम सबकी है.
जिले में साक्षरता दर की बात करें तो वर्ष 2011 की जनसंख्या रिपोर्ट के अनुसार 67.19 है. इधर गत वर्ष भी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किए गए. शिक्षा के क्षेत्र में कुल 93 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई है. सिमडेगा जिला अंतर्गत बानो प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय बानो में कार्यरत शिक्षक स्मिथ कुमार सोनी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बिजली की दिशा में लगातार बेहतर कार्य किए गए हैं. बीरू में ग्रिड बना इसके बाद सभी प्रखंडों में भी ग्रिड की सुविधा मिलने लगी.
वर्तमान समय में सिमडेगा जिले के प्रगति की बागडोर उपायुक्त अजय कुमार सिंह बखूबी संभाल रहे हैं. उपायुक्त अजय कुमार सिंह जिले में पदस्थापना के समय हीं जिले की प्रगति के संदर्भ में नए आयाम की खाका खींचते हुए बताया था कि जिले के वनोपाद बाजार और कृषि को बेहतर दिशा देकर जिले की आर्थिक तरक्की के रह प्रशस्त किए जायेंगे। इस दिशा में जिला आगे बढ़ रहा है. इसके साथ उपायुक्त अजय कुमार सिंह ने जिले को पर्यटन की दिशा में भी काफी आगे ले जाने का खाका खींचा और उसे धरातल पर उतरने का कार्य भी कर रहे हैं. जिले के प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल रामरेखा धाम विकास के राह में प्रगति पर है. विकास की पटरी पर सरपट दौड़ने लगा है हमारा सिमडेगा.